Deepfake क्या है- डीपफेक: नया युग या डिजिटल खतरा?
आपने कभी सोचा है कि आपका चेहरा किसी वीडियो में दिख सकता है, जिसमें आपने कोई काम नहीं किया हो? या किसी सितारे की आवाज में आपका गीत गाते हुए सुनाई देता हो? जैसा कि हम सभी जानते हैं, तकनीकी उन्नति और विकास ने दुनिया को नये दौर में ले जाया है, जहाँ डिजिटल जगत में आवाज और चेहरे का उपयोग अब नये तरीकों से हो रहा है। Deepfake एक आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस AI तकनीक है जिसके माध्यम से वीडियो और ऑडियो में मानव चेहरों और आवाज को मिलाकर नए संदेश बनाए जा सकते हैं। लेकिन क्या यह वाकई एक नया युग है या फिर एक नया डिजिटल खतरा? आइए, हम इस उलझन में थोड़े दृष्टिकोण में प्रकटीकरण करें।
Deepfake क्या है- डीपफेक: नया युग या डिजिटल खतरा? |
डीपफेक का मतलब
"डीपफेक" शब्द का उत्पन्न हुआ है जो "गहरे झूठ" का संक्षेपण है। यह एक आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस का Deepfake तकनीक है जिसमें वीडियो और ऑडियो में मानव चेहरों और आवाज को ऐसे संशोधित किया जाता है कि वे किसी और व्यक्ति की तरह दिखाई देते हैं या आवाज़ीकरण किये जाते हैं। इसका मतलब है कि किसी की आवाज़, आकृति और भावनाओं को वाकई में ऐसे संशोधित किया जा सकता है कि उन्हें अलग व्यक्ति की तरह दिखाया जा सके।
डीपफेक की प्रक्रिया या Deepfake काम कैसे करती है
Deepfake का काम बड़ी सरलता से होता है, लेकिन इसके पीछे की तकनीक बहुत महत्वपूर्ण है। यहाँ कुछ चरण हैं जिनके माध्यम से डीपफेक की प्रक्रिया होती है:
1. डेटा संग्रहण
पहले चरण में, डीपफेक के लिए बहुत सारे डेटा और सैंपल्स संग्रहित किए जाते हैं। ये डेटा मानव चेहरों की विभिन्न आकृतियों, भावनाओं और आवाज़ों के सैंपल्स होते हैं।
2. गहरे शिक्षण (Deep Learning)
डीपफेक के लिए डेटा का उपयोग गहरे शिक्षण तकनीकों से होता है, जैसे कि न्यूरल नेटवर्क्स। इन तकनीकों का उपयोग डेटा के आधार पर नए चेहरे और आवाज़ के विचार की सिमुलेशन करने के लिए होता है।
3. वीडियो और ऑडियो संशोधन
इस चरण में, वीडियो और ऑडियो को संशोधित किया जाता है ताकि वे दिखाए या सुनाए गए व्यक्ति के तरह लगें। इसके लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग होता है जैसे कि जेनरेटिव एडवर्सरियल नेटवर्क्स (GANs)। अगर यह पोस्ट Pictory AI Kya Hai वाली पोस्ट पड़ी होगी तो आपको अच्छे से पता होगा ai से कैसे वीडियो बनाते है
डीपफेक: नया युग या डिजिटल खतरा?
Deepfake की तकनीकों के पीछे का मकसद विभिन्न हो सकता है। कुछ लोग इसे केवल मनोरंजन के लिए उपयोग करते हैं, जैसे कि फिल्म उद्योग में अभिनय के लिए। वे वीडियो में आपने सितारों को विभिन्न रूपों में दिखाने के लिए डीपफेक का उपयोग करते हैं।
हालांकि, Deepfake का गलत उपयोग नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है और यह समाज में असमानता बढ़ा सकता है। किसी के फेस या आवाज़ का गलत तरीके से उपयोग करके विश्वासितता को कम किया जा सकता है और व्यक्तिगत जीवन में संघर्ष पैदा किया जा सकता है।
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डीप फेक कैसे पता करें?
चेहरा बारीकी से देखें
विशेषज्ञों को सही टूल के बिना डीप फेक वीडियो खोजना भी अक्सर मुश्किल लगता है। हालाँकि, मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) के शोधकर्ताओं ने कई उपाय प्रस्तुत किए हैं जो आम लोगों को डीप फेक और वास्तविक वीडियो से अलग कर सकते हैं। जांच करते समय चेहरे पर बहुत ध्यान देना चाहिए कि वीडियो असली है या नकली है। इसका कारण यह है कि बहुत ज्यादा ai का उपयोग और उनमे बदलाव से डीपफेक हेरफेर लगभग हमेशा चेहरे को बदल सकता है।
चेहरे में माथा और गाला देखे
चेहरे के दो सबसे महत्वपूर्ण हिस्से माथा और गाल हैं। क्या आपकी त्वचा बहुत चिकनी या झुर्रीदार लगती है? क्या त्वचा की उम्र आँखों और बालों की उम्र से मिलती है? ऐसे ही अनुभवी डीप फेक स्पॉटर्स भौंहें और आंखों से स्पष्ट संकेत ले सकते हैं। रिसर्चर का कहना है कि Deepfake वीडियो में छाया हमेशा अपेक्षाकृत स्थानों पर नहीं दिखाई देती।
होंठों का आकार और पलक झपकाने की स्पीड
Deepfake मूंछों, साइडबर्न या दाढ़ी को जोड़ या हटा सकते हैं, लेकिन वे अक्सर चेहरे के बालों को पूरी तरह से प्राकृतिक बनाने में असफल होते हैं। चेहरे के मस्सों में भी यही स्थिति है, जो अक्सर डीप फेक में यूजर्स को प्राकृतिक या असली नहीं दिखता है। वीडियो की वैलिडिटी को होठों का आकार और रंग भी बता सकता है। पलक झपकाने की गति और दर भी बता सकती हैं कि कोई वीडियो असली है या नकली है।
Deepfake टेक्नोलॉजी के खतरे
डीप फेक टेक्नोलॉजी से किसी को बदनाम किया जा सकता है। महिलाओं और लड़कियों को खास तौर पर डीप फेक का निशाना बनाया जाता है। किसी व्यक्ति के सोशल मीडिया प्रोफाइल से प्राइवेट फोटो लेकर फेक वीडियो बनाए जा सकते हैं। MMS किसी प्रमुख का बनाया जा सकता है। इस तकनीक से भाषण के वीडियो जारी किए जा सकते हैं जो पहले कभी नहीं दिए गए हैं।
DeepFake के खिलाफ सावधानियाँ
सतर्क रहें: हमेशा सतर्क रहें कि आप ऑनलाइन में किसके साथ बातचीत कर रहे हैं और किस प्रकार की जानकारी साझा कर रहे हैं।
सत्यापन करें: जब भी आपको किसी असमंजस में होते हैं, तो सत्यापन करने के लिए सही स्रोतों का उपयोग करें।
सामाजिक मीडिया सावधानियाँ: सामाजिक मीडिया पर किसी अज्ञात व्यक्ति से फ्रेंड रिक्वेस्ट या संदेश पर ध्यान दें, और सावधान रहें।
सेंसिटिव जानकारी साझा न करें: कभी भी ऐसी सामग्री को साझा न करें जो आपकी गोपनीयता को खतरे में डाल सकती है।
सतर्कता बनाए रखें: हमेशा सतर्क रहें और जानकारी की सत्यता की जांच करें जो आपके सामने आती है।
इस लेख में, हमने डीपफेक के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की है और यह समझाने का प्रयास किया है कि यह Deepfake नया युग है या एक नया डिजिटल खतरा? डीपफेक के उपयोग और खिलाफ सावधानियाँ के बारे में भी जानकारी प्रदान की गई है।
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DeepFake से जुड़े सामान्य प्रश्न
डीपफेक क्या है? डीपफेक एक तकनीक है जिसमें वीडियो और ऑडियो में मानव चेहरों और आवाज को संशोधित करके ऐसा बनाया जाता है कि वे दिखाए या सुनाए गए व्यक्ति के तरह लगें।
डीपफेक का उपयोग किस तरह से होता है? डीपफेक का उपयोग मनोरंजन और कल्चरल कार्यक्रमों में किया जा सकता है, लेकिन इसका गलत तरीके से उपयोग नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
डीपफेक के खिलाफ कैसे सुरक्षित रहा जा सकता है? सुरक्षित रहने के लिए हमेशा सतर्क रहें, सत्यापन करें और सेंसिटिव जानकारी को साझा न करें।
डीपफेक कैसे पहचाना जा सकता है? डीपफेक को पहचानने के लिए सत्यापन तकनीकों का उपयोग करें और सावधान रहें।
क्या डीपफेक से सुरक्षित रहने के लिए कोई उपाय है? डीपफेक से सुरक्षित रहने के लिए सतर्क रहना और सत्यापन करना महत्वपूर्ण है।
इस लेख में हमने डीपफेक क्या है और इसके प्रभाव के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की है, साथ ही कुछ महत्वपूर्ण सवालों के उत्तर भी दिए हैं।
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